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लेने के देने पड़े
Jungle Story लेने के देने पड़े:- बंटी बंदर व शंटी लंगूर ने एक मारधाड़ वाली फिल्म देखी, फिल्म में उन्होंने देखा कि किस तरह कुछ डाकुओ ने पिस्तौल दिखाकर कई लोगों को लूटा और चलते बने, वैसे तो फिल्म में और भी कई बातें थीं, मगर बंटी और शंटी को सिर्फ लूटने वाली बात याद रह गई। (Jungle Stories | Stories)
‘‘क्यों न हम भी पिस्तौल दिखाकर जानवरों को लूटें? इस तरह हम कुछ ही दिन में लखपति बन जाएंगे।’’ बंटी ने शंटी से कहा।
‘हाँ’ शंटी ने जोश में आकर कहा, ‘‘रुपया इकट्ठा करके हम विदेश के किसी वन में जाकर ठाठ से रहेंगे।’’ (Jungle Stories | Stories)
डाकुओं जैसा भेष बनाकर दोनों ने सबसे पहले अपने वन के जानवरों को लूटने...
डाकुओं जैसा भेष बनाकर दोनों ने सबसे पहले अपने वन के जानवरों को लूटने की योजना बनाई। दोनों अपनी-अपनी पिस्तौल लेकर एक रात उस वीरान जगह पर छिप गए, जहाँ से कई जानवर रात को अपना काम काज कर के लौटते थे। इन में कई व्यापारी भी होते थे। (Jungle Stories | Stories)
‘‘जो कुछ है निकाल दो।’’ जैसे ही उनके सामने से वन का एक बड़ा दुकानदार हाथीमल गुजरा, दोनों उछल कर उसके सामने पिस्तौल तान कर खड़े हो गए।
हाथी मल ने हंसकर कहा, ‘‘मेरे पास चने की यह छोटी सी पोटली है जिसे मैं अपने बच्चो के लिए ले जा रहा हूँ।’’ कहकर उसने पोटली उन्हें दे दी और बोला, ‘‘तुम भी बच्चे ही हो। वैसे ही मांग लेते तो भी दे देता।’’ (Jungle Stories | Stories)
‘‘हाथीमल को गए हुए अभी कुछ ही देर हुई थी कि गैंडा चंद हलवाई आ पहुंचा।’’
‘‘जो कुछ तुम्हारे पास हैं, निकाल दो।’’ दोनों ने फिर पिस्तौल तानी...’’ (Jungle Stories | Stories)
संयोग से उन्हें गैंडा चंद से काफी रूपये मिल गए।
उसके बाद उन्होंने लोमड राम को लूटा। (Jungle Stories | Stories)
कुछ समय बाद एक पिटारा सा पकडे हुए झगडू बंदर आ पहुँचा। झगडू पिटारा छोड़ कर भाग गया। जैसे ही शंटी ने पिटारा खोला, उसमे से फन उठाकर सांप निकला, मुश्किल से दोनों जान बचाकर भागे। झगडू सपेरा था। अब वे अगले मोड़ पर झाड़ियों में जा छिपे। (Jungle Stories | Stories)
‘‘कुछ भी कहो।’’ बंटी ने शंटी से कहा, ‘‘लूटने में भी बड़े झंझट हैं।’’
तभी सामने से सेठ चीता प्रसाद अपने ब्रीफकेस को लिए आता दिखाई दिया। (Jungle Stories | Stories)
‘‘इसके पास लाखो रुपयें होंगे।’’ बंटी ने फुसफुसा कर कहा, ‘‘इसे लूट कर हम दूर भाग जाएँगे।’’
‘‘हाँ, अब ज्यादा देर हमें यहाँ नहीं रहना चाहिए।’’ (Jungle Stories | Stories)
जैसे ही चीता प्रसाद सामने पहुँचा, दोनों ने सामने कूद कर पिस्तौल तानी और कहा, ‘‘ब्रीफकेस नीचे रखो और भागो।’’
“क्यों? चीता प्रसाद ने दोनो से कहा, “क्या यहाँ बदमाशों का राज है?’’ (Jungle Stories | Stories)
‘‘चुपचाप हमारा कहना मानों वर्ना चारों टांगे भून देंगे।’’ बंटी ने धमकी दी।
‘‘भूनो’’ चीता प्रसाद ने चुनौती दी तो दोनों ने पिस्तौल चला दी, लेकिन न गोली चली न धमाका हुआ। (Jungle Stories | Stories)
‘‘यह पिस्तौल आज तुम ने मेरी दुकान से खरीदी थी।’’
चीता प्रसाद ने मुस्कुरा कर कहा, ‘‘बंदर और लंगूर हो, नकल करने निकल पड़े। तुम्हें यह भी पता नहीं कि तुम ने पिस्तौल के खिलौने खरीदे हैं। मैंने तुम्हे उस समय देख लिया था, जब तुम मेरे नौकर से ये पिस्तौल खरीद रहे थे।’’ (Jungle Stories | Stories)
बंटी और शंटी के हाथ से पिस्तौल छूट चुकी थी। चीता प्रसाद के सामने से उनकी भागने की हिम्मत नहीं हो रही थी। तभी लुटे हुए जानवर वन के रक्षकों को लेकर आ पहुंचे।
सबका सामान वापिस किया गया और उन्हे पुलिस के हवाले कर दिया गया। (Jungle Stories | Stories)
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